IDEAL STOCK. देश के अग्रणी कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी
एक्सचेंज (MCX) पर आज से निवेशकों को रबड़ में भी ट्रेडिंग का मौका
मिलेगा. एक्सचेंज में रबड़ में वायदा कारोबार शुरू हो गया है.
एक्सचेंज का दावा है कि इस कदम से रबर इंडस्ट्री को हेजिंग के लिए
प्लेटफॉर्म मिलेगा. नए कॉन्ट्रैक्ट से रबड़ के किसानों, व्यापारियों,
निर्यातकों, आयातकों और टायर कंपनियों को हेजिंग का मौका मिलेगा.
फिलहाल रबड़ का सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर वायदा लॉन्च हो
गए हैं. इसके तहत RSS4 रबर में ट्रेडिंग होगी और लॉट साइज 1 टन का
है. कोच्चि हाजिर बाजार इसका बेंचमार्क है.
CRUDE OIL कमोडिटी के लिए यहाँ से ट्रेड ले
एमसीएक्स के एमडी और सीईओ मृगांक परांजपे ने कहा, "रबड़ फ्यूचर्स
कॉन्ट्रैक्ट का लॉन्च एमसीएक्स के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम
कृषि खंड में नई चीज पेश कर रहे हैं. भारत रबड़ के बड़े उत्पादकों में से
एक है. इस नए अनुबंध के लॉन्च के साथ, हम पारदर्शी और निष्पक्ष
बेंचमार्क कीमतें प्रदान करने की उम्मीद करते हैं.
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इंडियन रबर ग्रोवर एसोसिएशन के महासचिव ने सिबी जे. मोनिपल्ली ने
कहा, "रबड़ वायदा इसके व्यापार से जुडे सभी हितधारकों के लिए मूल्य
जोखिम प्रबंधन और हेजिंग के लिए जरूरी है. रबर की कीमतों के लिए भी
रबड़ वायदा घरेलू बेंचमार्क के रूप में कार्य करेगा.
भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा उत्पादक और प्राकृतिक रबड़ का दूसरा
सबसे बड़ा उपभोक्ता है. रबड़ ऑटोमोबाइल, एयरोनॉटिक्स, इलेक्ट्रिकल
और इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने में महत्वपूर्ण कमोडिटी है. वर्ष 2017-18 के
दौरान भारत में प्राकृतिक रबड़ का उत्पादन 6 लाख 94,000 मीट्रिक टन
था. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश ने 2017-18 के दौरान 46 9, 760
मीट्रिक टन प्राकृतिक रबर आयात किया.
एक्सचेंज (MCX) पर आज से निवेशकों को रबड़ में भी ट्रेडिंग का मौका
मिलेगा. एक्सचेंज में रबड़ में वायदा कारोबार शुरू हो गया है.
एक्सचेंज का दावा है कि इस कदम से रबर इंडस्ट्री को हेजिंग के लिए
प्लेटफॉर्म मिलेगा. नए कॉन्ट्रैक्ट से रबड़ के किसानों, व्यापारियों,
निर्यातकों, आयातकों और टायर कंपनियों को हेजिंग का मौका मिलेगा.
फिलहाल रबड़ का सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर वायदा लॉन्च हो
गए हैं. इसके तहत RSS4 रबर में ट्रेडिंग होगी और लॉट साइज 1 टन का
है. कोच्चि हाजिर बाजार इसका बेंचमार्क है.
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कृषि खंड में नई चीज पेश कर रहे हैं. भारत रबड़ के बड़े उत्पादकों में से
एक है. इस नए अनुबंध के लॉन्च के साथ, हम पारदर्शी और निष्पक्ष
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कहा, "रबड़ वायदा इसके व्यापार से जुडे सभी हितधारकों के लिए मूल्य
जोखिम प्रबंधन और हेजिंग के लिए जरूरी है. रबर की कीमतों के लिए भी
रबड़ वायदा घरेलू बेंचमार्क के रूप में कार्य करेगा.
भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा उत्पादक और प्राकृतिक रबड़ का दूसरा
सबसे बड़ा उपभोक्ता है. रबड़ ऑटोमोबाइल, एयरोनॉटिक्स, इलेक्ट्रिकल
और इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने में महत्वपूर्ण कमोडिटी है. वर्ष 2017-18 के
दौरान भारत में प्राकृतिक रबड़ का उत्पादन 6 लाख 94,000 मीट्रिक टन
था. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश ने 2017-18 के दौरान 46 9, 760
मीट्रिक टन प्राकृतिक रबर आयात किया.