GST काउंसिल की 28वीं बैठक दिल्ली में हो रही है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में करीब 30-40 आइटम पर जीएसटी घटाने का फैसला हो सकता है.
GST काउंसिल की अहम बैठक आज है. इस बैठक में करीब 30-40 आइटम पर जीएसटी घटाने का फैसला हो सकता हैं. सीएनबीसी आवाज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इनमें ज्यादातर रोजमर्रा से जुड़ी चीजें जैसे सैनिटरी नैपकिन, देवी-देवताओं की मूर्तियां, हैंडलूम शामिल होंगे. काउंसिल की बैठक में हालांकि एविएशन सेक्टर को महंगे फ्यूल से राहत मिलने की उम्मीदें कम हैं, क्योंकि एटीएफ और नेचुरल गैस की दरों में कटौती को इस बार एजेंडे में शामिल नहीं किया गया है.
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इन पर हो सकता हैं फैसला- सूत्रों के मुताबिक बैठक में 28 फीसदी वाले आइटम्स में जीएसटी कटौती पर चर्चा मुश्किल है. हालांकि, जीएसटी कटौती पर वित्त मंत्रालय ने मंजूरी नहीं दी है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, आरसीएम को सीजीएसटी से हटाने पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी है. जीएसटी काउंसिल के पास आरसीएम पर फैसला लेने का अधिकार है.
सालाना 1600 करोड़ के नुकसान का अनुमान- सीमेंट और पेंट पर टैक्स में 10 फीसदी की कटौती से सरकार को हर साल क्रमशः 10 हजार करोड़ रुपए और 5-6 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू लॉस होने का अनुमान है. प्रेसियस मेटल्स और स्टोन्स के लिए विशेष 3 फीसदी टैक्स को छोड़ दें तो फिलहाल जीएसटी की 4 स्लैब- 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी हैं.
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एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने की है सिफारिश- फिलहाल क्रूड, नैचुरल गैस और पेट्रोल, डीजल, एटीएफ जैसे बड़े पेट्रोलियम फ्यूल जीएसटी के दायरे से बाहर हैं. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, नैचुरल गैस को नए इनडायरेक्ट टैक्स रेजीम में आसानी से लाया जा सकता है. सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने और 12 फीसदी टैक्स लगाने की भी सिफारिश की है.
GST काउंसिल की अहम बैठक आज है. इस बैठक में करीब 30-40 आइटम पर जीएसटी घटाने का फैसला हो सकता हैं. सीएनबीसी आवाज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इनमें ज्यादातर रोजमर्रा से जुड़ी चीजें जैसे सैनिटरी नैपकिन, देवी-देवताओं की मूर्तियां, हैंडलूम शामिल होंगे. काउंसिल की बैठक में हालांकि एविएशन सेक्टर को महंगे फ्यूल से राहत मिलने की उम्मीदें कम हैं, क्योंकि एटीएफ और नेचुरल गैस की दरों में कटौती को इस बार एजेंडे में शामिल नहीं किया गया है.
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सालाना 1600 करोड़ के नुकसान का अनुमान- सीमेंट और पेंट पर टैक्स में 10 फीसदी की कटौती से सरकार को हर साल क्रमशः 10 हजार करोड़ रुपए और 5-6 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू लॉस होने का अनुमान है. प्रेसियस मेटल्स और स्टोन्स के लिए विशेष 3 फीसदी टैक्स को छोड़ दें तो फिलहाल जीएसटी की 4 स्लैब- 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी हैं.
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एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने की है सिफारिश- फिलहाल क्रूड, नैचुरल गैस और पेट्रोल, डीजल, एटीएफ जैसे बड़े पेट्रोलियम फ्यूल जीएसटी के दायरे से बाहर हैं. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, नैचुरल गैस को नए इनडायरेक्ट टैक्स रेजीम में आसानी से लाया जा सकता है. सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने और 12 फीसदी टैक्स लगाने की भी सिफारिश की है.